आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले 13 साल के छात्र विपुल जोशी ने उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। विपुल ने लॉकडाउन के दौरान हैरी पॉटर जैसे किरदारों से प्रेरित होकर अंग्रेजी उपन्यास 'अमरता से अमृत तक' लिखकर बच्चों के बीच अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। विपुल की इस उपलब्धि से उनके माता-पिता और दोस्त काफी खुश हैं।
सरोवर नगरी नैनीताल स्थित सेंट जोसेफ स्कूल के कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र विपुल जोशी ने कोरोना लॉक डाउन की छुट्टी के दौरान अपनी योग्यता को साबित किया। मात्र 13 साल की उम्र में जहां बच्चों को अपनी मंजिल का पता नहीं होता है। ऐसे में विपुल जोशी ने ऑनलाइन पढ़ाई के साथ ही अमरता में अमृत तक नामक अंग्रेजी उपन्यास को लिख डाला है। मूल रूप से ग्राम डूंगराकोट, देवीधुरा, जिला चम्पावत निवासी विपुल जोशी ने बताया कि उनका यह उपन्यास गैरी नाम के एक साहसी बालक पर आधारित है जो चमत्कारी दुनिया के रोमांच से भरा है। जहां गैरी को अमरता में अमृत तक की खोज करने के लिए कदम-कदम पर जादुई करिश्मों और कई रहस्यों का सामना करना पड़ता है।
विपुल जोशी का पूरा परिवार नैनीताल के मल्लीताल में रहता है। उनके पिता नैनीताल हाईकोर्ट में रेवेन्यू अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। जबकि माता सुनीता जोशी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नैनीताल में अंग्रेजी की अध्यापिका हैं। वहीं छोटी बहन आध्या कक्षा तीन में पढ़ती है। विपुल को किताबें पढ़ने का बेहद शौक है। हैरी पॉटर जैसे किरदारों से काफी प्रेरित होकर ही विपुल ने अमरता से अमृत तक नाम का उपन्यास को लिखा है। जिससे विपुल ने दो वर्ष के लॉक डाउन के समय का सदुपयोग कर राज्य व देश के अन्य बच्चों के लिए भी प्रेरणा बन कर उभरे हैं।