जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई की प्रतीक्षा में सर्वानंद घाट पर बैठे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी और स्वामी अमृतानंद ने शंकराचार्य जयंती पर हरिद्वार में धर्म संसद आयोजित करने का निर्णय लिया। हिन्दुस्तान से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि यह सनातन के इतिहास का सबसे बड़ा धर्म संसद होगा। हरिद्वार में यह धर्म संसद 6 से 8 मार्च तक होगी। 9 मार्च को बंगलामुखी यज्ञ के साथ धर्म संसद का समापन होगा। धर्म संसद आयोजक महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का कहना कि आज हिन्दू समाज में सबसे बड़ा संशय इस बात को लेकर है कि संतों की समाज की रक्षा में कोई भूमिका है भी या नहीं। सभी धर्मों में उनके धर्म गुरु अपने समाज की रक्षा के लिए जागरूक रहते हैं। लेकिन हिन्दुओं में उनका कोई धर्मगुरु उनका साथ नहीं देता और न ही उनके लिए कोई आवाज उठाता है। कहा कि सनातन के महाविनाश के इन क्षणों में आज हिन्दुओं का यह संशय दूर होना ही चाहिए। इस बार का धर्म संसद इसी विषय को लेकर आयोजित किया जाएगा। जिसमें सनातन सभी जगदगुरु, तेरह अखाड़ों के प्रमुख समेत सनातन के प्रमुख धर्मगुरुओं को निमंत्रण दिया जाएगा। कहा कि स्वामी अमृतानंद धर्म संसद के मुख्य संयोजक होंगे जो पूरे देश में जाकर संतों को धर्म संसद के लिए निमंत्रण देंगे।