शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन माता स्कन्दमाता की पूजा करने का विधान है। इस दिन माता सती के स्वरूप मां ललिता की भी पूजा की जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार 30 सिंतबर को ललिता पंचमी व्रत रखा जाएगा। यह व्रत गुजरात और महाराष्ट्र में विशेष महत्व रखता है। शास्त्रों के अनुसार माता ललिता को दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है। उन्हें महात्रिपुरसुन्दरी, षोडशी, ललिता, लीलावती, लीलामती, ललिताम्बिका, लीलेशी, लीलेश्वरी, ललितागौरी के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं क्या है इस व्रत का मुहूर्त और पूजा विधि।
ललिता पंचमी मुहूर्त
पंचमी तिथि प्रारम्भ: 30 सितंबर 2022, शुक्रवार सुबह 12:08 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त: 30 सितंबर 2022 रात 10:34 बजे।
ललिता पंचमी व्रत तिथि: 30 सितंबर 2022, शुक्रवार।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:53 से दोपहर 12:41 तक।
ललिता पंचमी व्रत पूजा विधि
माता ललिता को समर्पित इस व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान सम्पन्न कर लें और इसके बाद मंदिर में ललिता पंचमी व्रत का संकल्प लें। सबसे पहले भगवान श्री गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें और फिर अशोक सुन्दरी माता की आराधना करें। साथ ही उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगे। फिर माता ललिता के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करें और माता ललिता सहस्रावली का पाठ करें। पूजा के समय इस बात ध्यान रखें कि आपका मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए।