सामूहिता से कैसै प्रगति की जा सकती है और आर्थिकी मजबूत हो सकती है। इसकी नजीर चमोली जिले की निजमुला घाटी की ब्यारा गांव में लगी प्रसंस्करण इकाई में देखने को मिल रहा है। यहां पर 10 महिला स्वयं सहायता समूह मिल कर 90 महिलाएं अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहीं हैं। 80 प्रतिशत सब्सिडी पर ब्यारा गांव में प्रसंस्करण इकाई स्थापित की गई। जिसमें धान मिल, दाल ग्रेडर व पॉलिसर, डी-हस्कर, आटा चक्की, मसाला चक्की, ऑयल एक्सप्लेयर और पैकेजिंग मशीनें लगाई गई हैं। इस प्रसंस्करण ईकाई का संचालन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित ‘मां नन्दा ग्राम संगठन द्वारा किया जा रहा है, जिसमें 10 समूहों की लगभग 90 महिला सदस्य काम कर रहीं हैं।