नैनीताल में मानसून की बारिश साल दर साल कम हो रही है। चार साल से नैनीताल मानसून में सामान्य बारिश का आंकड़ा भी नहीं छू पाया है। ऐसे में चिंता है कि क्या सूखे जैसे हालात होंगे? साल 2018 के बाद से ये कमी आई है। इस साल भी मानसून अपने अंतिम पड़ाव की ओर पहुंच चुका है। पर नैनीताल जिले में सामान्य से 44 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है।
यदि ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में जिले में पेयजल संकट के साथ झीलों का जलस्तर भी तेजी से गिरेगा।बेवक्त बारिश के लिए पहचान रखने वाला नैनीताल भी मानसून में भरपूर बारिश के लिए तरश रहा है। मानसून की उल्टी गिनती शुरू हो गई है लेकिन नैनीताल में अब तक केवल 720 एमएम बारिश ही हो पाई है।जबकि नैनीताल जिले में औसतन मानसून बारिश 1400 एमएम तक है। ऐसे में जिले में सूखे के आसार नजर आ रहे हैं। इससे नैनीताल और आसपास की झीलों पर भी सूखे का संकट बढेगा। पहाड़ी क्षेत्र बेतालघाट, रामगढ़, धारी, ओखलकांडा ब्लॉक में बारिश की कमी से जल संकट भी खड़ा हो सकता है।