व्हाट्सएप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसी कंपनियों से होने वाले वॉयस कॉल के कारण सरकार इन पर नकेल कसने के लिए ज्यादा जोर-शोर से प्रयास कर रही है।
दरअसल इन ओवर द टॉप यानि ओटीटी कंपनियों से होने वाले फोन कॉल को ट्रैक करना सरकारी एजेंसियों के लिए मुश्किल होता है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय धोखाधड़ी की वजह बनती रही हैं। ऐसे में सरकार हर हाल में इसे नियामकीय दायरे में लाना चाहती है। दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, देश में 50 करोड़ से अधिक लोग स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं।
कुल 70 फीसदी लोग फोन कॉल के लिए इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। अगर समय रहते इसपर नियंत्रण नहीं किया गया तो सरकार के लिए भविष्य में परेशानी होगी। ये महत्वपूर्ण है कि इसी सभी कंपनियां जो अपने प्लेटफॉर्म पर वॉयस कॉल और संदेश के आदान-प्रदान की सुविधा देती हैं, वह सुरक्षा के कुछ मानकों का पालन करें। उपभोक्ता संरक्षण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।