23 जनवरी, 2018 को पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024-25 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को पाँच ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने की अपने महत्वाकांक्षी सपने को सार्वजनिक किया गया था.
वे दावोस में वर्ल्ड इकॉनामिक फ़ोरम की बैठक में अंतरराष्ट्रीय नेताओं को संबोधित कर रहे थे और प्रधानमंत्री के विज़न को ध्यान में रखते हुए 2018-19 का आर्थिक सर्वे तैयार किया गया था.
उम्मीद जताई गई थी कि 2020-21 से लेकर 2024-25 तक भारत की अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत की रफ़्तार से बढ़ेगी. यह माना गया था कि जीडीपी में औसत वृद्धि दर 12 प्रतिशत के आसपास होगी जबकि महंगाई की दर चार प्रतिशत रहेगी.