मासिक वेतन, पेंशन, सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का आंदोलन 22वें दिन भी जारी रहा। मांग पूरी होने के बाद ही आंदोलन वापस लेने का ऐलान किया है।जिला मुख्यालय में स्थानीय गांधी चौक पर आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले जिलाध्यक्ष इंद्रा देऊपा के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष देऊपा ने कहा आंदोलन को तीन सप्ताह बीत गए हैं, मगर उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। इससे भाजपा सरकार की महिला विरोधी सोच का पता चलता है। उन्होंने कहा यदि इसी तरह से महिला कामगारों की अनदेखी होती रही तो वह आंदोलन तेज कर देंगे।