राज्य गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पं. राजेन्द्र अणथ्वाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय पशुक्रूरता निवारण समिति की बैठक ली। उन्होंने पशुक्रूरता अधिनियम का कड़ाई से पालन करने और गोवंश के संरक्षण पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि गो सेवा पुण्य का कार्य है। गाय का दूध, गोमूत्र और गोबर बहुगुणी है। गाय के दूध, मक्खन, घी एवं मलमूत्र से कई बीमारियों का इलाज होता है। गाय के गोबर से जैविक खेती कर आर्थिकी को सुदृढ करने के साथ ही देश को खुशहाल बनाया जा सकता है। उन्होंने सभी से गो, गंगा और गाय के संरक्षण करने की बात कही। बताया कि सरकार स्वदेशी बद्री गाय के संरक्षण के साथ ही उसे बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य कर रही है। उन्होंने सभी नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में आवारा पशुओं के लिए कांजी हाउस बनाने के निर्देश दिए। सभी नगर क्षेत्रों में इसके लिए शीघ्र भूमि चिन्हित की जाए। जिला पंचायत को ब्लाक स्तरों पर गो सदन बनाने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वन विभाग को वन चौकियों के निकट पानी और चारे वाले स्थानों पर गायों के लिए अस्थायी सेड बनाने को कहा।