रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट आज सुबह साढ़े आठ बजे वैदिक मंत्रोच्चार और विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए किए गए। कपाट बंद होने से पहले पौराणिक परंपरा और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सोमवार सुबह साढ़े तीन बजे पूजा अर्चना के बाद भगवान का रुद्राभिषेक किया गया। भगवान की भोग मूर्तियों को चलविग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया जाएगा। पंडित मृत्युंजय हीरेमठ के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ डोली अपने निशानों के साथ मन्दिर की तीन परिक्रमा और पात्रों का निरीक्षण करते हुए पहले पड़ाव गौंडार पहुंचेगी। रास्तेभर पर जगह-जगह ग्रामीण डोली का भव्य स्वागत करते हैं। भगवान मदमहेश्वर की डोली 23 को रांसी, 24 को गिरिया गांव में रात्रि प्रवास के बाद 25 को ओंकारेश्वर मन्दिर में पहुंचेगी। यहां डोली के स्वागत में भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा।