भारत-तिब्बत की सरहद से लगे सीमान्त गांव लाता के ग्रामीणों ने सोमवार को जोशीमठ नगर के मुख्य चैराहे से तहसील प्रांगण तक ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस प्रदर्शन कर सरकार और लोनिवि के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने कहा कि 6 साल का लंबा समय बीतने के बाद भी उनके गांव के लिए स्वीकृत सड़क पूरी नहीं हो पायी है, जिस कारण ग्रामीणों को रोजाना चार किमी की चढ़ाई नापनी पड़ रही है।गुस्साए ग्रामीणों ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कहा कि नंदा देवी मंदिर को जाने वाली दो किलोमीटर सड़क 6 वर्ष पहले स्वीकृत हुई थी, जो अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क निर्माण के लिए लोनिवि द्वारा धार तोक से आगे कुछ क्रेटवाल बनाई गई थी। बताया कि गुणवत्ता के अभा के कारण सभी दीवारें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है, सड़क के किराने बनी इन दीवारों पर एक-एक मीटर लंबी दरारें पड़ चुकी है। कहा कि अगस्त माह में लाता की नंदा राजजात देवरा यात्रा का आयोजन होना है जो कि इसी सड़क मार्ग से होकर जाएगी। परंतु सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि लोगों को पैदल चलने में भी कठिनाई हो रही है। कहा कि इस बाबत कई बार शासन-प्रशासन को अवगत करवाया गया है, परंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द ही इस सड़क का निर्माण कार्य गुणवत्ता के आधार पर शुरू नहीं किया गया तो आने वाली 6 मई को ग्रामीणों द्वारा विशाल जुलूस निकाल कर आमरण अनशन शुरू कर दिया जाएगा। ज्ञापन में ग्राम प्रधान सरिता देवी, सरपंच धर्मेंद्र राणा, कामरेड अतुल सती, लक्ष्मण सिंह बुटोला, संग्राम सिंह, गणेशी देवी, सुशीला देवी, गंगोत्री देवी, कमला देवी, पूजा देवी आदि कई ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं।