सरहद तो इन्सानों के लिए होती है, परिंदों के लिए नहीं। उनके लिए कोई एक देश अथवा प्रदेश नहीं, बल्कि समूची दुनिया घर के समान है। फिर बात उत्तराखंड की हो तो यहां की सरजमीं हमेशा से मेहमान परिंदों को रास आती है। वर्तमान में भी सात समंदर पार से इन मेहमानों के आगमन का क्रम शुरू हो गया है। फिर चाहे वह रामसर साइट में शामिल उत्तराखंड का आसन कंजर्वेशन रिजर्व हो, झिलमिल झील या फिर दूसरे कंजर्वेशन रिजर्व और विभिन्न वन प्रभागों के जंगल, सभी जगह रंग-विरंगे मेहमान परिंदे पहुंचने लगे हैं, जो अगले साल अप्रैल तक यहां बने रहेंगे। जाहिर है कि इनके दीदार के लिए पक्षी प्रेमी भी पहुंचेंगे। आसन कंजर्वेशन रिजर्व में तो बड़ी संख्या में लोग मेहमान परिंदों को देखने जुटते हैं। साफ है कि विदेश से आने वाले ये मेहमान कुछ समय यहां बिताकर आर्थिकी को संवारने में भी मददगार साबित होते हैं।