T20 World Cup 2021 का आगाज हो चुका है. पहले दौर के मुकाबले चल रहे हैं और जल्द ही सुपर-12 के मैच भी शुरू होने वाले हैं। टी20 वर्ल्ड कप में हर मैच बेहद रोमांचक होता है लेकिन इन मुकाबलों के इतर कुछ विवाद भी होते हैं जिन्हें शायद भुलाया नहीं जा सकता। ऐसा ही विवाद हुआ था साल 2009 में जब जिम्बाब्वे की टीम ने टी20 वर्ल्ड कप से ही नाम वापस ले लिया था। जिम्बाब्वे की टीम साल 2009 टी20 वर्ल्ड कप में नहीं खेली थी और आईसीसी ने इस टीम को इसके लिए मनाया था. दरअसल ब्रिटिश सरकार और जिम्बाब्वे के बीच राजनीतिक विवाद चल रहा था और इसका खामियाजा क्रिकेट और उसके प्रशंसकों को भुगतना पड़ा। साल 2009 में जिम्बाब्वे को इंग्लैंड का दौरा करना था लेकिन राजनीति वजहों से टीम ने ब्रिटेन में कदम ही नहीं रखा। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने फैसला कर लिया कि वो जिम्बाब्वे को टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं लेने देंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटिश सरकार ने जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों को वीजा देने से ही इनकार कर दिया था। जिसके बाद आईसीसी ने इस मामले में दखल दिया और उसने जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड के साथ लंबी बातचीत की
बैठक में फैसला हुआ कि जिम्बाब्वे को आईसीसी पूरा फंड देगी और पूर्ण सदस्यता भी उसे वापस देगी। जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी इस समझौते के लिए तैयार हो गए और उसकी टीम ने 2009 टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं लिया।