केरल हाईकोर्ट ने प्रजनन में मददगार तकनीक यानि ART के इस्तेमाल करने को लेकर एक समय- या उम्र की सीमा तय करने पर आपत्ति जताते हुए ये सवाल उठाए हैं।
केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि आपको इस पाबंदी पर पुनर्विचार करना चाहिए। क्योंकि, परिवार का निर्माण करना व्यक्ति का मूलभूत अधिकार और निजी पसंद है। ऐसे में प्रजनन में मददगार तकनीकों के इस्तेमाल के लिए अधिकतम उम्र की सीमा तय करना प्रतिबंध की तरह है।
इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने नेशनल असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी एंड सरोगेसी बोर्ड को निर्देश दिया कि, वो केंद्र सरकार को एआरटी का उपयोग करने की उच्च आयु सीमा पर फिर से विचार करने की जरूरत बताए।