डाकपत्थर से लेकर कुल्हाल तक शक्तिनहर के किनारे की स्थिति समूचे क्षेत्र के निवासियों के लिए मुसीबत बनी हुई है। बदहाल सड़क और इसके दोनों तरफ उगी झाड़ियां और जर्जर सड़क पर हो रहा जलभराव गंभीर स्थिति उत्पन्न कर रहा है। उधर, जलविद्युत निगम समस्याओं के समाधान को लेकर कोई कदम उठाने को तैयार नहीं है।
डाकपत्थर बैराज से लेकर कुल्हाल तक जलविद्युत परियोजनाओं को पानी की आपूर्ति के लिए बनी शक्तिनहर के किनारे क्षेत्रवासियों के आवागमन को सड़क बनी है, जो निगम की लापरवाही के कारण बदहाल हो चुकि है। लगभग 13 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर कई स्थानों पर हो रहा जलभराव आवाजाही करने वालों के लिए मुसीबत बना हुआ है। लापरवाह निगम सड़क के किनारों पर उगी झाड़ियों तक की सफाई में दिलचस्पी नहीं ले रहे है। शक्तिनहर के किनारे पर बसे भीमावाला, ढकरानी, कुंजा, मटक माजरी को यदि छोड़ भी दिया जाए तो परियोजना क्षेत्र डाकपत्थर और कुल्हाल में शक्तिनहर के किनारे बनी जलविद्युत निगम व सिचाई विभाग की कालोनियों के आसपास भी सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। मिनिस्टीरियल कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष जीशान अली का कहना है कि परियोजना क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीणों व अन्य तमाम व्यक्तियों को सुविधा देना जलविद्युत निगम की जिम्मेदारी है, लेकिन ग्रामीण तो क्या सिचाई विभाग व जलविद्युत निगम के कालोनी क्षेत्रों तक में असुविधा व्याप्त है। उधर, जल विद्युत निगम की सिविल विग के अधिशासी अभियंता अभय सिंह का कहना है कि डाकपत्थर में शक्तिनहर किनारे की स्थिति को ठीक करने के लिए शीघ्र ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।