देहरादून: उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अब गैप एनालिसिस (कमियों को दूर करना) किया जाएगा. इससे राज्य के मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल स्टाफ, पर्याप्त फैकेल्टी और टेक्निकल स्टाफ समेत चिकित्सकीय सुविधाएं सुनिश्चित हो सकेगी. इस संबंध में उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने संबंधित अधिकारियों को गैप एनालिसिस करके एक हफ्ते के भीतर शासन को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं. सभी मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति की देखरेख में तैयार की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि अंतर विश्लेषण रिपोर्ट आने के बाद सुझाव के आधार पर मिले बिंदुओं पर ठोस कार्रवाई की जाएगी. साथ ही यह भी पता चल पाएगा कि किस मेडिकल कॉलेज में क्या कमी है और किस चीज की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में गैप एनालिसिस का विशेष फोकस अपग्रेडेशन ,डिजिटाइजेशन और नियुक्ति के आधार पर रहेगा, ताकि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ह्यूमन रिसोर्स की कमी को दूर किए जाने के साथ-साथ अपग्रेडेशन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सके.
धन सिंह रावत ने कहा कि सभी चिकित्सा महाविद्यालयों का डिजिटाइजेशन करके छात्र-छात्राओं और मरीजों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेगी. वहीं राज्य सरकार प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों मे शिक्षा में सुधार किए जाने के साथ संबद्ध अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के अलावा अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के लिए भी संकल्पित है. उन्होंने बताया की नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए टीचिंग शेयरिंग और लाइब्रेरी शेयरिंग के अलावा ई ग्रंथालय के माध्यम से मेडिकल छात्रों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा अंतर महाविद्यालय खेलकूद और संस्कृत प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हर वर्ष किया जाएगा.