पिछले आठ माह से गोरी नदी के बीच बने टापू पर फंसी तीन बेसहारा गायें बुधवार को मुख्य जमीन पर पहुंचा दी गई। आपदा प्रबंधन टीम ने दो दिन की मशक्कत के बाद गायों को वहां से बाहर निकाला। पिछले वर्ष जुलाई में मदकोट के वाता गांव की तीन लावारिस गायें पैदल पुल से गोरी नदी के तट पर बने टापू तक पहुंच गई। नदी के उफान पर आने से पुल को टापू से जोड़ने वाला मार्ग टूट गया, जिससे गायें टापू में ही फंस गई। पिछलेआठ माह से ये गायें टापू में उगी घास और नदी के पानी पर आश्रित रहीं। गायों के टापू पर फंसे होने का मामला मीडिया के जरिये सामने आया, लेकिन जानवरों के रेस्क्यू की दिशा में कोई पहल नहीं हुई।