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Rajesh Sharma
• Sat, 4 Sep 2021 11:10 am IST

राजनीति

आखिर भाजपाइयों का गुस्सा काम आया डीआईजी कार्यालय से संबद्ध किए गए विवादित कोतवाल यशपाल बिष्ट


हरिद्वार। मंगलौर कोतवाली में रिश्वत लेने का आरोप लगाए जाने के बाद भाजपा नेताओं से गाली गलौज करने और उन पर लाठियां भांजने वाले कोतवाली प्रभारी यशपाल सिंह बिष्ट को जनपद से बाहर स्थानांतरित करते हुए डीआईजी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है ।
विधायक देशराज करणवाल देर रात तक देहरादून में मुख्यमंत्री कार्यालय में तब तक डटे रहे जब तक यशपाल सिंह बिष्ट को जनपद से स्थानांतरित नहीं कर दिया गया। 3 साल पहले भी यशपाल सिंह बिष्ट रानीपुर के कोतवाल रहते समय जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर देने के बाद विवादों में आ गए थे और उन्हें यहां से स्थानांतरित कर डीआईजी कार्यालय भेज दिया गया था। 2 दिन पहले मंगलौर कोतवाली में एक मामले में हिरासत में लिए गए भाजपा कार्यकर्ता को छुड़ाने गए भाजपाइयों के साथ कोतवाल यशपाल सिंह बिष्ट की उस समय कहासुनी हो गई थी जब भाजपा के एक कार्यकर्ता ने उन पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। इससे गुस्साए यशपाल सिंह बिष्ट ने भाजपा कार्यकर्ता को गंदी गंदी गालियां देते हुए लाठियों से भी पीटा था । इस दौरान सीओ बीएस चौहान और विधायक देशराज करणवाल भी मौजूद थे। सभी के समझाने के बाद भी कोतवाल ने कोई नरमी नहीं बरती और खूब हंगामा काटा जिसे लेकर भाजपा नेता रात में ही देहरादून पहुंच कर गए थे और उन्होंने जमकर हंगामा किया था। भाजपाइयों के दबाव में शासन ने यशपाल सिंह बिष्ट को मंगलौर से स्थानांतरित कर सिविल लाइंस कोतवाली रुड़की का प्रभारी बना दिया था लेकिन इससे भाजपाई और ज्यादा नाराज हो गए और इसे जसपाल सिंह बिष्ट के लिए पुरस्कार बताया जाने लगा। इसके बाद विधायक देशराज करणवाल ने दोबारा देहरादून में दबाव बनाया जिस पर शासन ने एक बार शासन ने यशपाल सिंह बिष्ट को जनपद से बाहर स्थानांतरित करते हुए डीआईजी कार्यालय से संबद्ध कर दिया।