हरिद्वार । मशरूम के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के संकल्प के साथ 3 दिन से ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, हरिद्वार में चल रहा अंतर्राष्ट्रीय मशरूम महोत्सव मंगलवार को संपन्न हो गया ।
अंतिम दिन प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डा0 परमिन्द्र कौर बवेजा, प्रोफेसर, डाॅ0 यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा की गयी। सर्वप्रथम प्रगतिशील मशरूम उत्पादक श्रीमती दिव्या रावत ने मशरूम उत्पादन के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से जानकारी दी। द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डा0 वी0पी0 शर्मा, निदेशक, मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश एवं सह-अध्यक्षता डा0 परमिन्द्र कौर बवेजा, प्रोफेसर, डाॅ0 यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा की गयी। सत्र को सम्बोधित करते हुए निदरलैण्ड के कृषि संयन्त्र उत्पादक श्री राॅब वण्डर होस्ट द्वारा हाॅलैण्ड में मशरूम के आॅटोमेटेड उत्पादन तकनीकी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। ते हुए मशरूम उत्पादन में प्रयोग किये जाने वाले सयन्त्रों की जानकारी प्रदान की गयी। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि किस प्रकार मशरूम उत्पादन मंे सयन्त्रों का प्रयोग कर वैल्यू एडिड उत्पाद तैयार कर मूल्य संवर्धन किया जा सकता है। थाईलैण्ड के थाईबाॅयोटेक मशरूम के डा0 आॅटरेगुल द्वारा व्यवसायिक स्तर पर विकसित मशरूम की विभिन्न प्रजातियों की तकनीकी के सम्बन्ध में विस्तारर्पूवक अवगत कराया गया। जापान के नगानो निवासी मशरूम उत्पादक श्री इनुई केईटा द्वारा मशरूम की विशिष्ट प्रजाति सिटाके की उत्पादन तकनीकी पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।