लोहाघाट (चंपावत) : नेपाल सीमा से लगा गुमदेश क्षेत्र में विकास कहीं गुम सा हो गया है। विकास के लाख दावों के बावजूद यहां के लोग परिवहन की बेहतर सुविधा से वंचित हैं। वर्ष 2008 तक लोहाघाट-दिगालीचौड़-रौसाल मोटर मार्ग पर रोडवेज बस सेवा चलती थी लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। इस कारण करीब 23 गांवों की नौ हजार की आबादी आवाजाही के लिए जीप-टैक्सियों पर निर्भर है। ये वाहन भी सुबह 10 बजे तक ही चलते हैं। लोगों को चंपावत, हल्द्वानी आदि जगहों के लिए बस पकड़ने के लिए लोहाघाट आना पड़ता है।लोहाघाट से 18 किमी दूर दिगालीचौड़ और 30 किमी दूर रौसाल के लिए कुल 35 टैक्सियां हैं। लोहाघाट डिपो के एजीएम नरेंद्र कुमार गौतम का कहना है कि वर्ष 2008 तक रौसाल के लिए रोडवेज बस सेवा चलती थी। इस मार्ग में लाभ न होने की वजह से बाद में संचालन बंद हो गया। इस वक्त भी बसों की कमी से लोहाघाट-दिगालीचौड़-रौसाल सड़क पर बस संचालन प्रस्तावित नहीं है।