सुरक्षा की दृष्टि से भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक सड़कों का निर्माण कार्य युद्ध गति से चल रहा है।
उत्तरकाशी जिले में भारतीय सेना की अंतिम चौकी थांगला और टी-सांगचौक्ला तक सड़क कटिंग का कार्य हो चुका है। तेज गति से निर्माण कार्य कराने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारी इस पर बराबर नजर रखे हुए हैं।
वहीं, त्रिपानी से रंगमंचगाड की अंतिम पोस्ट तक स्वीकृत सड़क को अभी वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अंतिम स्वीकृति नहीं मिली है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) अभी वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित धनराशि जमा नहीं कर पाया है। ऐसे में इस सड़क का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा।उत्तरकाशी से 85 किमी दूर भैरव घाटी से भारत-चीन सीमा के लिए सड़क जाती है, जो भारतीय सेना की नौ चौकियों को जोड़ती हैं। जबकि, कुछ अंतिम चौकी व पोस्ट तक सेना व आइटीबीपी को मौसम के विपरीत हालात में कई किमी पैदल जाना पड़ता है।