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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 21 Sep 2021 4:20 pm IST

एक्सक्लूसिव

5 दिन बाद हरिद्वार आने वाले थे नरेंद्र गिरी, आखिर किस विवाद का करना था निपटारा


हरिद्वार। प्रयागराज स्थित मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरी महाराज 5 दिन बाद हरिद्वार आने वाले थे इस बारे में उन्होंने श्री निरंजनी अखाड़े के संतों के साथ फोन पर वार्ता भी की थी और संतों ने उनके स्वागत की तैयारी भी शुरू कर दी थी। मंगलवार को दिन भर यह चर्चा होती रही कि आखिर वह कौन सा विवाद रहा होगा जिसे निपटाने के लिए श्री नरेंद्र गिरी महाराज हरिद्वार आने वाले थे। 
श्री महंत नरेंद्र गिरि महाराज का हरिद्वार से गहरा लगाव था वह अक्सर हरिद्वार आया करते थे । इसी साल जनवरी से अप्रैल तक महाकुंभ होने के कारण उनका अधिकतर समय हरिद्वार में ही बीता था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण वह अप्रैल के अंतिम सप्ताह में प्रयागराज लौट गए थे। 
 स्वास्थ्य संबंधी कारणों के कारण तब से अभी तक उनका हरिद्वार आगमन नहीं हुआ था, लेकिन 2 दिन पहले ही उन्होंने श्री निरंजनी अखाड़े के संतों से फोन पर वार्ता कर बताया था कि वह अब हरिद्वार आना चाहते हैं।
 सूत्रों के अनुसार उनका संभवतया आगामी रविवार को हरिद्वार आने का प्रोग्राम था। इस संबंध में उनकी अखाड़े के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज सहित अन्य संतों से वार्ता भी हुई थी ।
सूत्रों का दावा है कि अपने इस हरिद्वार दौरे के दौरान वह किसी विवाद के निपटारे का भी समाधान करने वाले थे यह विवाद कौन सा रहा होगा। इस बारे में दिनभर कयास लगाए जाते रहे ।हालांकि निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्रपुरी जोकि नरेंद्र गिरी की मौत की खबर मिलते ही अखाड़े के अन्य संतों के साथ प्रयागराज रवाना हो गए उन्होंने श्री महंत नरेंद्र गिरी के हरिद्वार आने के प्रस्तावित कार्यक्रम की पुष्टि तो की लेकिन किसी विवाद के बारे में पुष्टि नहीं की। रविंद्रपुरी के अनुसार क्योंकि अप्रैल से अब तक में हरिद्वार नहीं आए थे इसलिए अब हरिद्वार आना चाहते थे उनसे भी इस बारे में उनकी बात हुई थी लेकिन उन्हें इस बात का जरा भी अहसास नहीं था कि यह उनसे फोन पर अंतिम बात हो रही है। संत जगत में दिन भर इसी बात को लेकर कयास लगाए जाते रहे कि आखिर ऐसा कौन सा मामला रहा होगा जिसके लिए नरेंद्र गिरी आना चाहते थे। संपत्ति से जुड़े मामले को लेकर भी चर्चा होती रही उधर अधिकतर संतो के प्रयागराज चले जाने के बाद श्री निरंजनी अखाड़ा में दिन भर सन्नाटा छाया रहा। केवल कुछ सेवक और 12 महंत ही यहां देखरेख के लिए रुके हुए हैं।

रिपोर्ट- राजेश शर्मा