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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 11 Sep 2022 10:30 am IST


राज्य में प्रमोशन से नहीं अब ऐसे होगी 50 प्रतिशत प्रधानाचार्यों की नियुक्ति


प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पदों को विभागीय परीक्षा से भरने के फैसले से राज्य के सरकारी इंटर कालेजों को समय पर स्थायी मुखिया मिलने लगेंगे। पिछले कई साल से स्थायी प्रिंसिपल की कमी की वजह से इंटर कालेज स्तर पर जहां प्रशासनिक पक्ष कमजोर पड़ रहा था। वहीं शैक्षिक स्तर भी प्रभावित हो रहा है। स्थायी प्रधानाचार्य नियुक्त होकर आने वाले शिक्षक अधिक जिम्मेदारी के साथ स्कूल में काम कर पाएंगे।

प्रधानाचार्य के पदों के रिक्त रहने के पीछे शिक्षा के प्रति सरकार की ढुलमुल और अनियोजित नीतियां भी जिम्मेदार हैं। दरअसल, प्रधानाचार्य पद का फीडर कैडर हाईस्कूल का हेडमास्टर होता है, और अब तक यह शत प्रतिशत प्रमोशन का पद रहा है। लेकिन, राज्य में हाईस्कूलों की संख्या 932 है और इंटर कालेज संख्या 1383 हो चुकी है। प्रधानाचार्य के पद पर प्रमोशन के लिए हेडमास्टर के रूप में पांच साल की सेवा अनिवार्य है।पात्र हेडमास्टर न मिलने के कारण इंटर कालेज प्रधानाचार्य के पर जुगाड़ व्यवस्था से काम चलाया जा रहा है। इस वक्त प्रधानाचार्य के 932 पद लंबे समय से रिक्त हैं। नई व्यवस्था से 466 पदों के जल्द भरने की उम्मीद बंधी है।