Read in App


• Fri, 2 Apr 2021 12:47 pm IST


रजनीकांत की आत्मा बसती है उत्तराखंड में


नैनीताल-प्रख्यात सिने स्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने पर पूरे उत्तराखंड में भी उत्साह है। वजह है कि रजनीकांत का बीते 25 वर्षों से राज्य से जुड़ाव, अनेक बार यहां की यात्राएं, बार-बार यह कहना कि उन्हें प्रेरणा, ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति उत्तराखंड में ही मिलती है। एक वजह और। वह यह कि ऋषिकेश में उनके आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन संत स्वामी दयानंद सरस्वती की समाधि का होना, जहां वे अक्सर आते रहे हैं। रजनीकांत सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि द्वाराहाट के निकट स्थित कुकुछीना के बाबा महावतार का उन पर विशेष आशीर्वाद है और इसी के बूते उन्हें जीवन में अविश्वसनीय रूप से सफलता मिली है। बाबा पर एक लघु फिल्म भी बनी है। स्वयं रजनीकांत की ओर से लिखित तमिल फिल्म ‘बाबा’ भी बाबा जी पर ही आधारित थी। 2018 के दिसंबर में रजनीकांत द्वाराहाट के निकट कुकुछीना में दो किमी चढ़ाई चढ़ कर बाबा महावतार की गुफा में ध्यान लगाने आए थे।