देहरादून तहसील के भ्रष्टाचारी अमीन को विजिलेंस कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है। आरोपी को भ्र्ष्टाचार से जुड़ी अलग अलग धाराओं में 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। विजिलेंस की तरफ से ठोस पैरवी के चलते 12 साल बाद आरोपी को यह सजा हुई है। एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने टीम को बतौर प्रोत्साहन उचित इनाम दिए जाने की घोषणा की है।
विजिलेंस से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता हिमांशु जोशी, निवासी-304, नैशविला रोड़ देहरादून द्वारा दिनांक 05.10.2009 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक, सतर्कता सैक्टर देहरादून को इस आशय का दिया कि उसकी पत्नी सुषमा जोशी ने पीएमआरवाई योजना के तहत एसबीआई राजपुर रोड़ देहरादून से वर्ष 2006 में रू0 1,28,000/- का ऋण लिया था, जिसकी समय से अदायगी न होने पर बैंक द्वारा ऋण वसूली हेतु कलेक्ट्रट देहरादून में भेज दिया गया था। जिसे कलैक्ट्रेट ने आरसी के तहत वसूली हेतु तहसील देहरादून में भेज दिया गया था। तहसील से अमीन प्रेम नारायण मिश्रा अदायगी हेतु आरसी की वसूली करने हेतु उसके घर आया, किन्तु शिकायतकर्ता की पत्नी द्वारा योजना के तहत ऋण समायोजन पत्र जो बैंक द्वारा कुछ शर्तो पर निर्गत किया गया था, दिनांक 05.10.2009 को दोपहर 01ः00 बजे अभियुक्त प्रेम नारायण मिश्रा शिकायतकर्ता के घर आया जिस पर शिकायतकर्ता बैंक द्वारा निर्गत समझौते पत्र दिखाया गया किन्तु अभियुक्त प्रेम नारायण मिश्रा द्वारा समझौता पत्र को न मानते हुये 2,000/- रिश्वत की मांग की गयी।