हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है लेकिन यह राष्ट्रभाषा न होकर मात्र राजभाषा बनकर रह गई है। राष्ट्रभाषा जन-जन की भाषा कहलाती है। हिंदी हमें सांस्कृतिक स्तर पर जोड़ती है। आज वैश्वीकरण के दौर में हिंदी का महत्व और अधिक बढ़ गया है। हिंदी को विश्व की प्रमुख भाषा बनाने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करना होगा। छात्रों और शिक्षकों ने राजकीय इंटर कॉलेज नारायणनगर में एक कार्यक्रम के माध्यम से कहीं। कॉलेज में भाषण, निबंध और कविता प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। प्रधानाचार्य विनोद कुमार जोशी ने कहा कि सभ्यता, संस्कृति, चेतना के लिए हिंदी भाषा का समृद्ध होना जरूरी है। हिंदी प्रवक्ता विनोद कांडपाल के संचालन में हुए कार्यक्रम में प्रवक्ता डॉ. हेमंत जोशी, गिरधर सिंह मनराल, पुरुषोत्तम बिष्ट, भगवती प्रसाद उप्रेती, नारायण सिंह महरा, चंद्रशेखर पाठक ने भी विचार रखे।