खालसा पंथ के सृजना दिवस बैसाखी के अवसर पर गुरुद्वारा माता साहिब कौर जी में पिछले चार दिनों से चल रहे धार्मिक समागम का समापन हो गया। अंतिम दिन गुरुद्वारा परिसर में सजाए गए भव्य दिवान के आगे कविसरी, रागी जत्थों के अलावा महिलाओं ने कीर्तन कर गुरु की महिमा का बखान किया। कथावाचकों ने खालसा पंथ के इतिहास सुनाकर संगत को निहाल किया। इस दौरान दस्तार सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ।बृहस्पतिवार को गुरुद्वारा परिसर में पिछले दिनों रखे गए अखंड पाठ का भोग पड़ा। डेरा कारसेवा बंगला साहिब गुरुद्वारा दिल्ली के सरपरस्त बाबा बचन सिंह ने कहा कि 1699 में आज ही के दिन धर्म की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना करते हुए श्रीगुरु गोविंद सिंह जी ने कहा था कि ‘खालसा अकाल पुरख की फौज, परगटियों खालसा परमात्म की मौज’।