रुद्रप्रयाग-केदारनाथ आपदा के बाद कई कमेटियां बनीं। विशेषज्ञों ने अध्ययन किए। उन्होंने लंबी-चौड़ी सिफारिशें दीं। लेकिन उन सिफारिशों पर गंभीरता से अमल नहीं किया जा रहा। वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों का एक सुर में कहना है कि केदारनाथ, बदरीधाम, गंगोत्री-यनुनोत्री जैसे पवित्र स्थल अत्यंत संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं।