राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शास्त्रार्थ के महत्व के बारे में बताया।
बिहार के बक्सर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि, शाहजहां ने काशी के विद्वानों से शास्त्रार्थ में हार के बाद जजिया कर वापस लिया था। इतना ही नहीं शास्त्रार्थ के बाद ही शाहजहां के पुत्र दारा शिकोह की भी हिंदू धर्मग्रंथों में दिलचस्पी पैदा हुई थी।
इसके अलावा, भागवत ने अंतिम मुगल सम्राट के बारे में कहा कि, अनुभव ने शाहजहां को जजिया वापस लेने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन उनके छोटे बेटे औरंगजेब के भाई की हत्या करके सिंहासन ग्रहण करने के बाद जजिया कर फिर से लगाया गया था। वहीं शास्त्रार्थ ने दारा शिकोह को बहुत प्रभावित किया था, यही कारण है कि उन्होंने उपनिषदों, गीता और रामायण में रुचि ली और फारसी में इनका अनुवाद किया।