कोई एक जिंदगी जिसकी कल्पना दुनिया के अधिकांश नौजवान करते हैं उसमें से अव्वल होती है सेना में अफसर की नौकरी. सारे नौजवान कभी-न-कभी उनके देश की सेवा करने के लिए सेना का हिस्सा होना चाहते हैं. समर्पण, सेवा और सम्मान वाली नौकरी. जिसके जैसा कुछ और नहीं होता. हमारे देश में सेना के अफसर होने की पहली सीढ़ी NDA है.
उम्र सीमा है 16 साल 6 महीने से लेकर 19 साल. जब तक देश के अधिकांश युवा इस बात को सोच नहीं पाते कि वे साइंस पढ़ें या फिर बी.टेक करें. तब तक NDA पहुंचने वाला नौजवान अफसर बन चुका होता है.
लिखित परीक्षा...
NDA की लिखित परीक्षा में दो पेपर्स होते हैं. पहला मैथ्स (300 नंबर) और दूसरा जनरल एबिलिटी टेस्ट (600 नंबर). इसमें उम्मीदवारों को अलग-अलग पेपर सॉल्व करने के लिए ढाई घंटे का समय दिया जाता है. सारे सवाल ऑब्जेक्टिव होते हैं.
लिखित परीक्षा में पास होने पर होती है SSB...
एक्सपर्ट्स को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं. उनका मानना है कि NDA अपने अफसरों को खुद चुनता है न कि लोग NDA को चुनते हैं. इस इंटरव्यू कम परीक्षा में उम्मीदवारों को सेना व NDA द्वारा चयनित जगह पर पहले-पहल स्क्रीनिंग और ग्रुप डिस्कशन से होकर गुजरना पड़ता है.
SSB के बाद होती है मेडिकल परीक्षा...
अब तक तो आप जान ही गए होंगे कि NDA का हिस्सा होना भारत के सबसे गहन और मुश्किल बातों में से एक है. इसके लिए आपको शारीरिक और मानसिक रूप से ऐक्टिव रहने की जरूरत है.