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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 12 Apr 2022 5:51 pm IST


नार्मलाइजेशन के विरोध में आए बेरोजगार युवा


युवाओं ने उत्तराखण्ड अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा की स्वतंत्र जांच इकाई से जांच की मांग की है। युवाओं ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई जांच कमेटियों पर उनका भरोसा नहीं है, उन्होंने नार्मलाइजेशन पद्धति को हटाने की मांग की है।

पिथौरागढ़ में बेरोजगार युवाओं ने अधीनस्थ चयन आयोग के परीक्षा परिणाम को लेकर असंतोष जताया है। छात्र सुमित वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार और आयोग की सांठगांठ से बेरोजगार युवाओं का हक मारा जा रहा है। स्नातक स्तरीय परीक्षा में नार्मलाइजेशन के नाम पर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया गया। भाष्कर वर्मा ने बताया कि 4 व 5 दिसंबर को आयोजित हुई परीक्षा के परिणाम में काफी धांधली हुई है। जिसमें एक ही परिवार के कई सदस्यों का चयन किया गया है और जिन प्रश्नों को पहले गलत माना गया उसे संशोधित कुंजी में सही मान लिया गया। युवा विमल खत्री, प्रकाश महर, रंजना, प्रियंका, पवन प्रसाद, रेनू, सुरेश, माला, मयंक ने मुख्यमंत्री से परीक्षा को रद्द करवाने व जिम्मेदार आयोग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।