एक तरफ सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चला रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना काल में आर्थिक दिक्कतों से जूझ रही बेटियां खुद को खत्म करने को मजबूर हैं। काशीपुर की रहने वाली 22 साल की निशा ने भी यही किया। निशा होनहार थी। देहरादून से बीटेक कर रही थी, लेकिन कोरोना के चलते घर के आर्थिक हालात कुछ इस कदर बिगड़े कि निशा के पास कॉलेज की फीस भरने के लिए भी पैसे नहीं रहे। वो डिप्रेशन में थी। बीती रात उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। निशा अपने परिवार के साथ प्रभु विहार कॉलोनी में रहती थी। वो देहरादून के एक कॉलेज में बीटेक फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। इन दिनों उसकी ऑनलाइन क्लासेज चल रही थी। जिस वजह से वो घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रही थी। घर में निशा और उसकी मां अकेले रहते थे।