चेक बाउंस के मामले काफी बढ़ गए हैं जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई और Negotiable Instruments Act, 1881 के तहत चेक बाउंस के मामलों को क्रिमिनल ऑफेंस माना गया है. कोर्ट अब यह भी चाहता कि ऐसे मामलों का जल्द से जल्द निपटारा कर दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अदालतों में लंबित 35 लाख से अधिक मामलों को ‘विचित्र’ स्थिति बताया और केन्द्र सरकार को इस समस्या से निजात पाने के वास्ते एक खास अवधि के लिए अतिरिक्त अदालतों के गठन के वास्ते कानून बनाने का सुझाव दिया गया है.
चीफ जस्टिस एस ए बोवडे की अध्यक्षता में गठित पांच न्यायधीशों की पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 247 के तहत केन्द्र सरकार को चेक बांउस के मामलों से निपटने के लिए अधिकार प्राप्त हैं और साथ ही उसका यह कर्तव्य बनता है.