लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रविवार यानी 25 सिंतबर को अपने दूसरे कार्यकाल के छह महीने पूरे कर लिए हैं। बुलडोजर नीति से कानून व्यवस्था में सुधार के दावों के बीच सत्ता में लौटी योगी सरकार ने माफिया और अपराधियों पर छह महीनों में जीरो टॉलरेंस के तहत बड़ी कार्रवाई की।
सरकार ने इन 180 दिनों में बड़ी चुनौतियों
का सामना भी किया। सरकार को मंत्रियों का असंतोष, नौकरशाही की
खींचतान और ट्रांसफर पॉलिसी पर उठे सवालों का सामना भी करना पड़ा। इनका सामना करते हुए
भी योगी सरकार ने अपने संकल्प पत्र के एजेंडे पर फोकस बनाए रखा।
कानून व्यवस्था में सुधार
कानून-व्यवस्था पर योगी सरकार का मुख्य फोकस रहा। दूसरे कार्यकाल
में सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा जेल मैन्युअल बदला। एंटी नारकोटिक्स
टॉस्क फोर्स का गठन कर अवैध ड्रग्स व मादक पदार्थों के माफिया के खिलाफ प्रभावी
कार्रवाई की। 2310 ड्रग माफियाओं
से 40 करोड़ रुपये के
नशीले पदार्थ जब्त करने के साथ ही 62 माफियाओं के 896 सदस्यों के विरुद्ध कार्रवाई भी की। इस दौरान अपराधी गैंग
के 431 सदस्यों की
गिरफ्तारी, 178 सदस्यों के विरुद्ध गुंडा एक्ट, 884 पर गैंगस्टर
एक्ट और 13 के खिलाफ एनएसए (NSA) की कार्रवाई की। NCRB की वर्तमान रिपोर्ट
के मुताबिक, यूपी महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सजा दिलाने
में 59.1 फीसदी दर से देश में
टॉप पर रहा।
यही नहीं, मुख्तार अंसारी समेत
36 माफिया व उनके
शागिर्दों को आजीवन कारावास और दो को फांसी की सजा हुई। 180 दिनों में प्रदेश स्तर
पर चिह्नित 62 माफियाओं की 2200 करोड़ रुपये से
अधिक की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त किया गया। यूपी सबसे कम समय में सजा दिलाने में
भी देश में पहले स्थान पर है। माफिया के गैंग के 860 सहयोगियों के विरुद्ध यूपी पुलिस ने 396 मुकदमे दर्ज कर 400
से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस
राज्य में 1,225 किमी तक फैले एक्सप्रेस-वे के जाल ने न सिर्फ यात्राओं को
सुगम और तेज बनाया है बल्कि इनके दोनों किनारों को विकसित किया जा रहा है। प्रदेश के विकास को औद्योगिक
क्षेत्र में भी गति दी जा रही है। आगामी समय में प्रदेश में छह नए एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जाना है। सरकार पांच
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाले प्रदेश में सभी मंडलों को एयर कनेक्ट करने की
परियोजना पर काम कर रही है। वहीं, हेल्थ
इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत प्रदेश के सभी 4600 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्थ ATM लगाए जा रहे हैं। 65 जनपदों में
मेडिकल कॉलेज के अलावा गोरखपुर और रायबरेली में एम्स का संचालन हो रहा है।
औद्योगिक विकास के लिए निवेश का खाका तैयार
यूपी में पिछले छह माह
में 55 कंपनियों द्वारा
45 हजार करोड़ रुपये
के निवेश प्रस्ताव आए हैं। बीते पांच वर्षों में सबसे अधिक निवेश (94,632 करोड़ रुपये का)
आइटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में हुआ है। योगी
सरकार में बीते साढ़े पांच साल में चार लाख 68 हजार करोड़ रुपये के MOU हुए हैं। इसमें तीन लाख 82 हजार करोड़ रुपये
की परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं। ‘ईज ऑफ डूइंग’ बिजनेस के तहत इस साल 21 अगस्त तक 205 रिफॉर्म्स लागू किए गए हैं और अन्य 142 रिफॉर्म्स 31 अक्टूबर तक लागू
होंगे।
रोजगार देने का दावा
दूसरे कार्यकाल में योगी सरकार ने सेवायोजन के तहत रोजगार
मेला के माध्यम से 93 हजार से अधिक
युवाओं को रोजगार दिया, जबकि करियर
काउंसिलिंग के तहत 1.42 लाख से ज्यादा
को मार्गदर्शन। राज्य में 119 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क और 87 राजकीय महाविद्यालयों
में स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था हुई है। यूपी के 27 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल लेवल के
संस्थानों के साथ 111 अनुबंध किए गए। 26 नवीन राजकीय
पॉलिटेक्निक स्वीकृत हुए तो 24 निर्माणाधीन हैं। सरकार भविष्य की जरूरतों को देखते हुए युवाओं
को एविएशन और ड्रोन तकनीक में निपुण बना रही है।
महिला सशक्तिकरण पर जोर
यूपी में 'कन्या सुमंगला' के तहत अब तक 13.67 लाख से अधिक
बालिकाओं को लाभ मिला। वहीं, सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के तहत अब तक आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की 1,91,686 बेटियों की शादी
कराई। महिलाओं और बेटियों को मजबूत बनाने के लक्ष्य से 58 हजार ग्राम
पंचायतों में बैंकिंग सखी की तैनाती की गई। जीआरपी सहित प्रदेश के सभी 1584 थानों में महिला
हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। सभी 1535 थानों में 10,417 महिला पुलिस थाने का गठन किया गया है।
योगी सरकार की तीन बड़ी चुनौतियां
हालांकि, अपने दूसरे कार्यकाल
के छह महीने के दौरान योगी सरकार को तीन बड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। इनमें
पहली चुनौती अपने मंत्रियों में असंतोष की रही। अपनी ही सरकार में मंत्री संतुष्ट
नहीं दिखे। जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफे की पेशकश की तो वहीं, उप मुख्यमयंत्री बृजेश पाठक की ट्रांसफर पॉलिसी के पन्नों
ने सवाल खड़े किए। दूसरी चुनौती तबादला नीति पर सवाल उठना रही। प्रदेश में हुए
ट्रांसफर पर भी सवाल उठाए गए। कई विभागों में ट्रांसफर में गड़बड़ी की खबरें सामने
आईं। लिहाजा, अधिकारियों पर कार्यवाही हुई और एक मंत्री के
स्टाफ को भी सस्पेंड कर जांच बिठाई गई। तीसरा नौकरशाही में खींचतान भी एक बड़ी समस्या
बनकर सामने आई। ऐसे कई मौके आए जब अधिकारियों के बीच खींचतान भी सामने आई। जनप्रतिनिधियों
की सुनवाई नहीं करने का आरोप लगा। सीएम योगी आदित्यनाथ को निर्देश देना पड़ा कि
जनता के साथ ही जनप्रतिनिधियों की भी सुनवाई हो।
25 करोड़ प्रदेश वासियों को उनकी सेवा, सुरक्षा व कल्याण को समर्पित सरकार के दूसरे कार्यकाल के प्रथम 06 माह पूरे होने की हार्दिक बधाई!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 25, 2022
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की प्रेरणा से 'अंत्योदय' के संकल्प के साथ 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' के निर्माण को समर्पित आपकी सरकार के दूसरे कार्यकाल के यह 180 दिन वंचितों, शोषितों व उपेक्षितों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन के कारक बने हैं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 25, 2022
मातृशक्ति को 'अपने सदन' से 'संवैधानिक सदन' तक सम्मान, सुरक्षा, सहयोग व पूर्ण अवसर प्रदान करती @UPGovt के युगांतरकारी 180 दिन 'सुशासन' के उत्कृष्ट मानक हैं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 25, 2022
आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में 'नया उत्तर प्रदेश' देश की 'आधी आबादी' का 'ड्रीम डेस्टिनेशन' बनने की ओर बढ़ चला है।
अंत्योदय से अर्थव्यवस्था तक
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 25, 2022
इंफ्रास्ट्रक्चर से इंडस्ट्री तक
कामगार से किसान तक
सुरक्षा से शिक्षा तक
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में हर क्षेत्र में 'नए भारत का नया उत्तर प्रदेश' नव-निर्माण की स्वर्णिम पटकथा लिख रहा रहा है।
'सबका साथ-सबका विकास' का ध्येय लिए यह डबल इंजन की भाजपा सरकार है, जो कहेगी, वह करेगी।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 25, 2022