कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के बाद आदिवासी और वनवासी शब्द भी बहस का मुद्दा बन गया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी इसपर अपना बयान दिया है।
NCST अध्यक्ष हर्ष चौहान ने कहा है कि, संविधान में आदिवासी लोगों के लिए अनुसूचित जनजाति शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए इस पर बहस व्यर्थ का काम है। उन्होंने कहा कि, यह एक राजनीतिक बहस है और इस बहस का कोई मतलब नहीं है।
दरअसल, संविधान में न तो 'आदिवासी' और न ही 'वनवासी' शब्द है। संविधान सभा ने सावधानीपूर्वक संविधान में अनुसूचित जनजाति शब्द का इस्तेमाल किया है। अंग्रेजों ने स्वदेशी समुदायों को परिभाषित करने के लिए 'आदिवासी' शब्द का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा रामायण काल से पहले भी वनवासी शब्द उपयोग में है।