अपनी स्वच्छता को आगे बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश के इंदौर शहर ने एक बार फिर से स्वच्छता सर्वेक्षण में गौरव हासिल किया है । बता दें इंदौर को पहली, दूसरी नहीं बल्कि पांचवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर माना गया है। आज यानी शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली के विज्ञान भवन में इंदौर को नंबर वन स्वच्छ शहर, 12 करोड़ का सफाई मित्र और 5 स्टार रेटिंग का अवॉर्ड दिया। लगातार पांचवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के पहला स्थान प्राप्त करने के पीछे नगर निगम और सफाई मित्रों की दिन-रात की मेहनत है।
20 करोड़ की सालाना कमाई
खास बात यह है इंदौर शहर कचरे से वर्तमान में ₹20 करोड़ की सालाना कमाई कर रहा है । इसमें कार्बन क्रेडिट, CNG, कम्पोस्ट खाद, सीएनडी वेस्ट व सूखे कचरे से हो रही आमदनी शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है के इस तेजी के साथ इंदौर का कपड़ा बंधन पर काम कर रहा है आने वाले 3 सालों में कचरे से मारी कमाई 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी।
इंदौर कैसे बना देश का सबसे स्वच्छ शहर
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इंदौर शहर सफाई सर्वेक्षण में ऐसा क्या खास कर रहा है कि वह देश का नंबर वन स्वच्छ शहर बन गया है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको इन 4 बिंदुओं पर नजर डाल लेनी चाहिए ---
• कचरा प्रबंधन के लिए जनता दे रही 45 करोड़ रुपए
• 137 किमी नदी-नालों की सफाई के लिए किए जाते है 343 करोड़ खर्च
• एक दिन में 1200 टन कचरे का निपटान कर रहा है इंदौर
• वर्तमान में 11364 सफाई कर्मचारियों ने संभाली है शहर की कमान