टिहरी- चमोली के तपोवन में आई आपदा में लापता चल रहे नरेंद्रनगर ब्लॉक के लोयल गांव निवासी आलम सिंह पुंडीर का शव आठ दिन बाद सुरंग में मिला। आलम सिंह पर चार बेटियों व बूढ़ी मां और पत्नी की जिम्मेदारी थी। परिजन आजतक उनके जिंदा होने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन शव मिलने के साथ ही उनकी आखिरी आस भी टूट गई। उनके शव को चमोली से गांव लाया जा रहा है। सात फरवरी को ऋषिगंगा और धौली गंगा में आई भीषण आपदा से ऋषिगंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था। हादसे में 200 से अधिक लोग लापता हो गए, जिनमें से आठ दिन में पुलिस ने 40 से अधिक शव बरामद किए। रविवार को रेस्क्यू अभियान में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट की सुरंग से टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लॉक के लोयल गांव निवासी आलम सिंह पुंडीर (45) पुत्र स्व. सुंदर सिंह पुंडीर का शव भी बरामद किया गया। सूचना मिलते ही आलम सिंह के भाई सूरत सिंह, धूरत सिंह, चाचा धनवीर सिंह, बहनोई विशाल राणा सहित गांव के कई लोग तपोवन रवाना हो गए। वहीं शव मिलने की जानकारी मिलते ही 85 साल की बूढ़ी मां मांझी देवी बेहोश हो गई। पत्नी सरोजनी देवी का भी रो-रोककर बुरा हाल है। आलम सिंह की चार बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी आंचल 14 साल की है, अंतरा और काजल के अलावा छोटी बेटी अनन्या तो अभी डेढ़ साल की ही है। बूढ़ी मां भी आलम के परिवार के साथ रहती हैं। आलम के तीन भाई सूरत सिंह, धूरत सिंह और प्रेम सिंह विदेश में नौकरी करते हैं। गांव की प्रधान देवेश्वरी देवी पुंडीर ने बताया कि मृतक आलम तपोवन परियोजना में कार्यरत ऋत्विक कंपनी में बतौर इलेक्ट्रिीशियन कार्यरत था। गांव के निवासी और यूकेडी के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर ने बताया कि देर रात तक आलम सिंह का शव गांव पहुंचेगा। परिवार का एक मात्र सहारा था। पूरे गांव और क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है।