चंपावत : अब शहरी क्षेत्र के लोग घर के आंगन या मकान की छत पर भी टैंक बनाकर मछली का पालन कर सकेंगे। चंपावत जिले में बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन की कवायद शुरू हो रही है। मत्स्य विभाग इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट बना रहा है। इसके तहत कम जगह और कम पानी के उपयोग से अधिक मुनाफा लिया जा सकता है।प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत आधुनिक तकनीक से मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य विभाग साढ़े सात लाख रुपये से यह प्रोजेक्ट बना रहा है। इसके लिए बायोफ्लॉक तकनीक के तहत खुले टैंक में मछली पाली जाएगी। टैंक दस हजार लीटर क्षमता का बनाया जाएगा। कम वजन के इस टैंक को आंगन या मकान की छत पर भी बनाया जा सकेगा।योजना के प्रोत्साहन के लिए 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। उत्पादक को इसकी लागत साढ़े सात लाख रुपये के बजाय सिर्फ चार लाख पड़ेगी। नियमित रूप से पानी न बदलने, मछली के आहार में कम खर्च की वजह से इसमें लागत भी कम आएगी।