हिंदू पंचांग के मुताबिक अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी 4 अक्टूबर को है। इसके अगले ही दिन यानी 5 तारीख को दशहरा है। खरीदारी और नई शुरुआत के लिए दोनों दिन बहुत खास हैं। नवरात्रि की नवमी तिथि और दशहरे को हर लिहाज से खास माना गया है। इन दोनों दिनों में बड़े और खास कार्यों की शुरुआत की जाती है। नवमी तिथि देवी की महा पूजा का दिन होता हैं। वहीं, दशहरे को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इसलिए ये दो दिन कई मायनों में खास होते हैं।
इस बार ये दिन आज और कल
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार नवरात्रि की नवमी तिथि 4 को दोपहर करीब ढाई बजे तक ही रहेगी। उसके बाद दशमी शुरू हो जाएगी। जो कि 5 अक्टूबर को दिन में 12 बजे तक रहेगी। धार्मिक कार्यों यानी व्रत, पूजा, स्नान और दान के लिए इन तिथियों को सूर्योदय के मुताबिक माना जाता है। लेकिन खरीदारी या किसी खास काम की शुरुआत के लिए उस समय सिर्फ तिथि का होना ही काफी रहता है।
महापूजा और अबूझ मुहूर्त के दिन
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि ज्योतिष में रवियोग को शुभ मुहूर्त कहा गया है। यानी इस मुहूर्त में हर तरह की खरीदारी और नई शुरुआत करना फायदेमंद होता है। ये शुभ योग 4 और 5 अक्टूबर को रहेगा। नवमी को भी महा पूजा का दिन कहा गया है। इस दिन महत्वपूर्ण कामों की शुरुआत की जाती है। वहीं, ज्योतिष ग्रंथों में विजयादशमी यानी दशहरे को अबूझ मुहूर्त कहा गया है। ये पूर्णा तिथि है। यानी इस तिथि में किए गए काम अधूरे नहीं रहते, पूरे हो जाते हैं। दशहरे पर प्रॉपर्टी, व्हीकल और हर तरह की विशेष खरीदारी करने का भी विधान है।
श्रवण नक्षत्र और दशमी का शुभ संयोग
5 अक्टूबर को श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि का शुभ संयोग बन रहा है। इसमें किए गए काम जीत और सफलता दिलाते हैं। इसलिए दशहरे पर प्रॉपर्टी, फर्नीचर और अन्य जरूरी खास चीजों की खरीदारी की जा सकती है। इस दिन व्हीकल खरीदारी के लिए विशेष शुभ मुहूर्त रहेगा।