बरसात से ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे बदहाल है। ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत दोनों हाईवे के चौड़ीकरण से पहाड़ियां कमजोर हो गई हैं। ये हल्की बारिश में भी भरभरा कर ढह रही हैं। इससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। साथ ही एनएच के तमाम दावों के बाद भी बरसात के मौसम में बचाव को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर से रुद्रप्रयाग के बीच 35 किमी क्षेत्र में करीब 12 डेंजर जोन सक्रिय हो गए हैं।
पूरे हिस्से पर जगह-जगह पत्थर और मलबे के ढेर लगे हैं। कब किस पहाड़ी से कितना बड़ा पत्थर गिर जाए, कहना मुश्किल है। हालात ऐसे हैं कि सिरोहबगड़ में भी भूस्खलन जोन सक्रिय होने से एनएच की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं, नरकोटा के पास नया सिरोहबगड़ बनने से स्थिति दिनोंदिन नाजुक हो रही है। यहां पहाड़ी का लगभग सौ मीटर हिस्सा कमजोर हो रखा है, जिससे बारिश शुरू होते ही पत्थर व मलबा गिर रहा है। बीते सोमवार को यहां कई घंटे यातायात बाधित रहा। एक जून को भी यहां पहाड़ी का 40 मीटर हिस्सा ध्वस्त होकर हाईवे पर गिर गया था। इसके बाद से आए दिन भूस्खलन हो रहा है।