राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकाचल में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है। अवैध खनन के विरोध में साधु-संत आंदोलन पर उतर गए हैं।
बड़ी संख्या में साधु-संत इसका विरोध जता रहे हैं। इस दौरान आंदोलन स्थल पर एक संत ने आग लगा ली है। आनन-फानन में गंभीर रूप से झुलसे संत को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले अवैध खनन के विरोध में बीती सुबह बाबा नारायण दास टावर पर चढ़ गए थे। और उन्होंने पूरी रात टावर पर गुजारी। बाबा नारायण दास को टावर पर ही ग्लूकोज और अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाई गई। वहीं रातभर मौके पर पुलिस बल तैनात रहा।
बता दें कि, खनन के विरोध में पसोपा में साधु-संतों के साथ अन्य ग्रामीणों का धरना पिछले 550 दिनों से चल रहा है। 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब तक जारी है। खनन के विरोध में 6 अप्रैल 2021 को साधु-संतों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जयुपर में सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। 11 सितंबर 2021 को मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की। गांधी ने प्रतिनिधिमंडल से अवैध खनन को लेकर सरकार की ओर से आवश्यक कदम उठाने की बात कही थी।
संतों का कहना है कि, अब तक उन्होंने 100 से भी अधिक सैकड़ों विधायक और मंत्रियों को 350 से ज्यादा ज्ञापन सौंपे दिए हैं। सरकार ने हर आश्वासन दिया लेकिन साधु-संतों की मांग पूरी नहीं हुई। साधु-संतों ने कई बार आसपास गांवों में जनसंपर्क अभियान, पदयात्रा, धरना-प्रदर्शन, ट्रेक्टर रैली, सड़क जाम, मुख्यमंत्री से वार्ता, आमरण अनशन, क्रांति यात्रा तक कर डाली लेकिन आदिबद्री-कनकांचल पर्वतों पर खनन नहीं रूक सका। जिसके बाद साधुओं में आक्रोश है।