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• Tue, 8 Jun 2021 6:42 pm IST


निजी विद्यालयों के सामने मंडरा रहा है आजीविका का संकट


उत्तरकाशी-बीते वर्ष से चलते कोरोना महामारी ने जहां कई कारोबार से जुड़े लोगों को बेरोजगार किया। वहीं सबसे अधिक निजी विद्यालयों से जुड़े संचालकों के साथ ही विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों को बेरोजगार कर रोजी-रोटी के संकट में डाल दिया है। रविवार संगठन इकाई पुरोला की बैठक की गई, जिसमें उन्होंने सरकार से आर्थिक सहयोग की मांग की। बैठक में संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष अवतार असवाल ने कहा कि मार्च 2020 से विद्यालय बंद पड़े हैं, कुछ समय के लिए कक्षा 6 से 12 तक के विद्यालय भी खुले जब तक कुछ शिक्षण शुल्क बच्चों ने देना शुरू ही किया था कि फिर से कोरोना संक्रमण का साया निजी विद्यालय से जुड़े लोगों के लिए चुनौती के साथ साथ एक बहुत बड़ा संकट लेकर खड़ा हो गया। कहा कि पुरोला नगर क्षेत्र में ही दर्जनभर निजी विद्यालय स्थापित हैं जो वित्त विहीन मान्यता प्राप्त हैं।