केदारनाथ धाम में निजी कंपनी के हेलीकॉप्टर क्रैश होने को एक बार फिर हेली सेवाओं की मनमानी, डीजीसीए और एनजीटी के मानकों की अनदेखी से जोड़कर देखा जा रहा है. केदारनाथ धाम के लिए के लिए संचालित कोई भी हवाई सेवा एनजीटी और डीजीसीए के मानकों पर खरा नहीं उतर पा रही है. कई बार भारतीय वन्यजीव संस्था ने इनके विरुद्ध जांच के आदेश भी दिए गए हैं, बावजूद इसके अभी तक किसी भी कंपनी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है.
इससे पहले 31 मई को भी खराब मौसम के चलते एक निजी कंपनी के हेलीकॉप्टर ने इमरजेंसी लैंडिंग की थी, जो काफी भयावह थी. हालांकि इस घटना से किसी भी यात्री को चोट नहीं पहुंची थी. इस घटना को नजरअंदाज करने का नतीजा ये है कि आज केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया और इसमें पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई.