चमोली जिले के जोशीमठ में भूधंसाव पर सामने आई वैज्ञानिक संस्थानों की रिपोर्ट में कहा गया है कि जोशीमठ पहले ही अपनी क्षमता से अधिक भार उठा रहा है। ऐसे में यहां नए भारी निर्माण न किए जाएं। रिपोर्ट में पूरे जोशीमठ के धंसने की आशंका को नगण्य करार दिया गया है। साथ ही प्रभावित क्षेत्र की लगातार निगरानी और विस्तृत भूवैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया गया है।राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जोशीमठ क्षेत्र को नो-न्यू कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाना चाहिए। पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (पीडीएनए) ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, जोशीमठ की जनसंख्या 16,709 थी, जिसका घनत्व 1,454 प्रति वर्ग किमी था। जिला प्रशासन के अनुसार, इस संवेदनशील शहर की अनुमानित आबादी अब 25 से 26 हजार के बीच है। जोशीमठ में भूधंसाव के बाद भवनों की स्थितियों का आकलन करने की जिम्मेदारी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) को सौंपी गई थी।