आस्था इंसान की जान से बढ़कर नहीं हो सकती है। हरकी पैड़ी पर डुबकी लगाने पहुंचने वाले श्रद्धालु शायद इसे भूल रहे हैं। कोविड के बढ़ते खतरे के बीच बेखौफ होकर स्नान कर रहे हैं। हुजूम की शक्ल में हरकी पैड़ी और बाजारों में घूम रहे हैं। कोविड नियमों की अनदेखी से स्नान करने वाले पुण्य कमाने के बजाय अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। बेपरवाह लोगों को कोई रोकने और टोकने वाला नहीं है। बिना मास्क घूमने वालों की चेकिंग करना तो दूर कोविड की रैंडम जांच तक नहीं हो रही है।
हरिद्वार में कोविड संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बीते 11 दिनों में 1407 कोविड मरीज आ चुके हैं। अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाएं भगवान भरोसे हैं। संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए जिला प्रशासन ने 14 जनवरी के मकर संक्रांति स्नान पर रोक लगा दी है। लेकिन जिला पुलिस-प्रशासन हरिद्वार में कोविड नियमों की अनदेखी करने वालों की अनदेखी कर रहा है। देशभर से हजारों की संख्या में हरकी पैड़ी पर स्नान करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। बार्डर पर वैक्सीन की डबल डोज प्रमाण पत्र या फिर 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जांचने का दावा हो रहा है। ट्रेनों और बसों से आने वाले यात्रियों की कोई जांच नहीं हो रही है। हरिद्वार में बाहरी राज्यों से आने वाले अधिकतर श्रद्धालुओं के आवागमन ट्रेनों और बसों से हो रहा है। निजी ट्रेवल एजेंसियों की बसों में हरियाणा और राजस्थान से यात्री उमड़ रहे हैं।