द्वाराहाट ( अल्मोड़ा)। पानी बोओ पानी उगाओ अभियान के तहत बेढुली गांव में महिला एकता परिषद की बैठक हुई। इस दौरान महिलाओं ने घटते जल स्तर पर चिंता जताई। कहा कि पलायन के चलते बंजर हो रही भूमि की जल संरक्षण क्षमता खत्म हो रही है जो चिंता का विषय है। मंगलवार को महिला मंगल दल अध्यक्ष हेमलता की अध्यक्षता में बैठक हुई। उन्होंने कहा कि बंजर भूमि की जल संरक्षण क्षमता खत्म होने से जल स्रोत सूख रहे हैं। पलायन के कारण घास और सूखी लकड़ी की आवश्यकता कम हो रही है, इससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसका सीधा असर जीवनदायिनी नदियों के जलस्तर पर पड़ रहा है। महिलाओं ने कहा कि रिस्कन नदी भी धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खो रही है, इसका संरक्षण जरूरी है।इस दौरान उन्होंने तेंदुए और बंदरों के बढ़ते आतंक से मुक्ति दिलाने की भी मांग की। कहा कि जंगलों में तेंदुए की आबादी बढ़ने से महिलाएं घास लेने जंगल नहीं जा पा रही हैं। उनके पालतू जानवरों को तेंदुआ मार रहा है। बंदर खेती बर्बाद कर उनकी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। सरकार को इन जानवरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए ठोस नीति बनानी होगी। इस दौरान उन्होंने एसडीएम सुनील कुमार के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भी भेजा।