लोकसभा और राज्यसभा में बोले जाने वाले असंसदीय शब्दों की लिस्ट पर शुरु हुआ विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि, राज्यसभा सचिवालय के एक और निर्देश से नया विवाद का रुप ले लिया है।
दरअसल, राज्यसभा सचिवालय ने अपने एक निर्देश में कहा कि, संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल इसे सरकार का तुगलकी फरमान बता रही है। जबकि, अधिकारियों का कहना है कि, सत्र के पहले इस तरह के बुलेटिन जारी किया जाना ‘नियमित’ प्रक्रिया का हिस्सा है।
बता दें कि, संसद के 18 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी के जारी बुलेटिन में इस मसले पर सांसदों से सहयोग की अपील की गई है। बताते चलें कि, सचिवालय ने 2013 में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय जारी ऐसे ही परिपत्र की प्रति साझा करते हुए कहा कि, ऐसे परिपत्र कई सालों से जारी किए जा रहे हैं।