नैनीताल-जंगलों के अंधाधुंध कटान, कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होते जा रहे गांव, कस्बे और शहर, अनियोजित विकास, भूस्खलन, चौड़ी पत्ती के वनों की कमी, बदलते मौसम चक्र की वजह से जलस्रोत सूखते जा रहे हैं। बारिश कम होने से नदियों का जलस्तर गिरने के साथ ही भूजल स्तर में कमी आ रही है। प्रदेश में वर्षा जल संग्रहण (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) को अनिवार्य किया गया है, इसके बावजूद नए भवन निर्माण में शासनादेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। साल दर साल पानी की कमी हो रही है। जल संरक्षण को लेकर न तो सरकार संजीदा है और न ही लोग। हल्द्वानी शहर में साल भर पानी का संकट बना रहता है। शहरवासियों को 50 साल पुरानी पेयजल योजना से ही पेयजल आपूर्ति की जा रही है। जलसंस्थान के पास मौजूदा आबादी के लिए पर्याप्त पानी नहीं होने से भी किल्लत बनी है। पेयजल योजना के आखिरी छोर में बसे लोगों के कनेक्शनों में सालभर पेयजल आपूर्ति बाधित रहती है।