अगर आप केमिकल से बने रंगों से होली खेलने से डरते हैं, तो अब घबराइए नहीं. रामनगर से पास स्थित कानियां ग्रामसभा में महिलाओं की ओर से हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है. खास बात ये है हर्बल रंग सब्जियों और फलों से बनाए जा रहे हैं. इससे यह त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. हर्बल कलर बनाने में कई महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. आसपास के क्षेत्रों से इसकी अच्छी डिमांड भी आ रही है.अगले हफ्ते देश में होली का पर्व है, जिसको हर कोई अपने अपने तरीके से मनाता है. होली आपसी भेदभाव भूलकर प्रेम पूर्वक मिलने का पर्व है. इस पर्व में रंगों का विशेष महत्व है. लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की खुशियां बांटते हैं. लेकिन कई बार केमिकल वाले रंग होली का मजा बिगाड़ देते हैं. ऐसे में रामनगर के कानियां गांव की वुमेन रिसोर्सेज सेंटर (WRC) समूह की महिलाएं हर्बल कलर्स से रंग बनाने का कार्य कर रही हैं. इन हर्बल कलर्स को फूलों एवं सब्जियों के से बनाया जा रहा है, जो त्वचा के लिए हानिकारक भी नहीं होता है.