मशहूर गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) के RSS की तुलना तालिबान से करने के बाद जो विवाद खड़ा हुआ वो अबतक सुलझा नही। लेकिन अब जावेद अख्तर ने इस पर अब अपना मौन तोड़ा है और एक बार फिर बेबाक बयानी करते हुए अपने पुराने बयानों का मतलब समझाने की कोशिश की है। जावेद अख्तर ने लिखा है, ''पिछले दो दशकों में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा मेरी जान को खतरा होने की वजह से मुझे दो बार पुलिस सुरक्षा दी गई. पहली बार तब जब मैंने तिहरे तिलाक का विरोध किया था. वह भी तब जब देश में इसकी ज्यादा चर्चा भी नहीं थी… 2010 में एक टीवी डिबेट में मैंने पर्दा के रिवाज़ के ख़िलाफ़ मौलाना कल्बे जवाद से ज़ोरदार बहस की थी. मौलाना इस वजह से मुझसे काफ़ी नाराज़ भी हुए. लखनऊ में मेरे पुतले जलाए गए. मुझे एक बार फिर धमकियों भरे मेल आने लगे. मुझे फिर एक बार पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई गई. इसलिए यह इल्ज़ाम बेबुनियाद है कि मैं मुस्लिम कट्टरतावाद के ख़िलाफ़ नहीं बोलता.” साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हिंदू दुनिया में सबसे सभ्य और सहिष्णु बहुसंख्यक हैं और इस बात को वह कईं बार दोहरा चुके हैं।